NEELAM GUPTA

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जिंदगी रुकने का नाम नहीं


जिंदगी कोई गाड़ी नहीं है ।जिसे जब मर्जी ब्रेक लगा दे। जब मन करे सुहाने सफर पर चलने को ।तभी सुहाने सफर पर निकल पड़े। यह तो सुख दुख का मेल है। चाह कर भी नहीं रोक सकते है।चाहे कितने तुफान, ऊँची नीची डगर आए।लड़खड़ाते हुए संभल संभल कर चलना है।


गर्त के काल को शिकत देकर हर परस्थितियों में कर्यत रहना है।


किसी का भी जीवन परिपूर्ण नहीं है सभी के जीवन में उतार चढ़ाव आते जाते रहते हैं। और इन्हीं मुश्किलों का सामना करते हुए आगे बढ़ते जाना जिंदगी है। रुकने का मतलब है जिंदगी रुक जाना यानी सांसे पूरी हो जाना।जब हमारी सांसे पूरी होंगी तो श्वते ही यह जीवन चक्र रुक जाएगा।


इसलिए जब तक सांसे हैं रुकने का मतलब नहीं अपना आत्मबल मजबूत रखें और सब कठिनाइयों को पार करते हुए जिंदगी को एक मुकाम देते हुए अपना जीवन चक्र पूरा करें। जिससे आने वाली पीढ़ी आपको, आपके व्यक्तित्व को, प्रेरणा मान याद रखें ।अच्छे कार्य द्वारा अच्छे व्यवहार से अपना जीवन सफल बनाएं सुखद तो वे स्वयं हो जाएगा।


चाहे रोके गुजारे चाहे हंसकर जिंदगी मिली है गुजारनी तो पड़ेगी ही।


बाधा बनती है मुश्किलें, इसकी रह गुजर में।

बदल दे अपना रास्ता और पा लें अपनी मंजिल।


हौसलों से मुकाम बना करते हैं और नीरसता से काम बिगड़ा करते हैं चुन लो जो राह तुम्हें सही लगे।

एक आस एक विश्वास केवल अपने पर कर लो।

हम अपनी जिंदगी को बेहतर से बेहतर निभाएंगे।


जब कभी कमजोर लगे अपना विश्वास, तो उस ऊपर वाले का हाथ थाम आगे बढ़ जाना।

ना देखना पीछे मुड़कर कभी, ले आशीर्वाद उसका, जिंदगी पार कर जाना।


गलत लोगों का साथ छोड़ दो, स्वयं ही जिंदगी सुधर जाएगी। 

जो है तुम्हारे शुभचिंतक असली,उनका साथ कभी ना छोड़ना। तो जिंदगी तुम्हारी, पार लग जाएगी।


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नीलम गुप्ता नजरिया दिल्ली

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4 Comments

Niraj Pandey

11-Oct-2021 07:09 PM

बहुत खूब

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Seema Priyadarshini sahay

07-Oct-2021 09:46 PM

बहुत सुंदर

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Swati chourasia

05-Oct-2021 05:58 PM

Very nice

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